अमेठी के रहने वाले आरिफ और एक सारस पक्षी की दोस्ती

अमेठी के रहने वाले आरिफ और एक सारस पक्षी की दोस्ती, जय-वीरू की तरह थी। साथ-साथ रहना, साथ खाना, साथ आना-जाना… उनकी दोस्ती इंसान की जीवों से दोस्ती की मिसाल है। आरिफ ने उनके प्रिय सारस को घर के सदस्य की तरह पाला, उसकी देखभाल की, उससे प्यार किया। ऐसा करके उन्होंने पशु-पक्षियों के प्रति इंसानी फर्ज की नजीर पेश की है जो कि काबिल-ए-तारीफ है। हाल ही में ‘द एलिफेंट व्हिस्पर्स’ को ऑस्कर मिला, जिसकी कहानी भी एक हाथी और इंसान की संवेदनशील कहानी है। ये कहानियां हमें इसलिए भावुक करती हैं क्योंकि मनुष्य का जीवन और पर्यावरण में पाये जाने वाले जितने भी सहजीवन हैं, दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।
हमें हमारे पशु-पक्षी, पेड़-जंगल, पहाड़, ग्लेशियर, समुद्र, नदियां सबको बचाना है, सबकी हिफाजत करनी है। सुंदर और स्वस्थ पर्यावरण ही सुंदर जीवन दे सकता है और इंसान व वन्य जीवों के बीच प्रेम की ऐसी कहानियां हमें प्रेरणा देती हैं। सरकारों का भी यही काम है कि ऐसी कहानियों से प्रेरणा लें और वन्य जीवों व इंसानों के बीच मोहब्बत भरे रिश्ते से संवेदना के मोती चुनें।