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आखिर बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती क्यों नहीं होती ? जबकि दुनिया के सभी मंदिरों में मंगला आरती की जाती है

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बुंदेली मीडिया डॉट कॉम की अजब-गजब सीरीज में आज हम जानेंगे कि आखिर बांके बिहारी जी के मंदिर में मंगला आरती क्यों नहीं की जाती जबकि दुनिया के सभी मंदिरों में मंगला आरती की जाती है मंगला आरती करने का नियम है बांके बिहारी मंदिर दुनिया के सभी मंदिरों में सबसे ज्यादा चमत्कारी मंदिर माना जाता है यहां लोगों ने अपनी आंखों से चमत्कार होते हुए देखे हैं लोगों ने अपनी आंखों से बांके बिहारी जी की लीलाओं को देखा है बहुत सारे किस्से और बहुत सारी कहानियां बांके बिहारी जी के मंदिर के बारे में है आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि आखिर बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती क्यों नहीं की जाति तो कृपया इस लेख के आखिर तक बने रहें हम आपको देंगे पूरी जानकारी banke bihari mandir mein mangla aarti kyon nahin hoti आखिर नदी में सिक्का क्यों फेंका जाता है जानिए इसके पीछे का विज्ञान

मंगला आरती किसे कहते हैं ?

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर मंगला आरती का मतलब क्या होता है मंगला आरती किसे कहते हैं तो आपको बता दें मंगला आरती सुबह सूर्योदय से पहले की जाने वाली आरती होती है या भगवान के उठने के बाद पहली आरती होती है मंगला आरती का समय अलग-अलग मंदिरों में अलग-अलग समय हो सकता है लेकिन मंगला आरती भगवान के उठने के पश्चात पहली आरती होती है कई मंदिरों में मंगला आरती में भगवान को जल प्रसाद के रूप में दिया जाता है ऐसी मान्यता होती है कि भगवान को शयन से उठने के बाद प्यास लगती है इसलिए मंगला आरती में भगवान को जल अर्पित किया जाता है क्योंकि मंगला आरती भगवान को निद्रा से जगाने के लिए और सूर्योदय से पहले की जाती है इसी लिए से मंगला आरती या प्रभात आरती भी कहते हैं।बुंदेलखंड के झांसी में इस जगह पर है 500 साल से पुराना कुत्तिया महारानी का मंदिर

बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती क्यों नहीं होती| बांके बिहारी मंदिर का रहस्य|बिहारी जी के चमत्कार

बांके बिहारी मंदिर वृंदावन धाम

हुआ यूं एक आदमी बांके बिहारी मंदिर में खूब सेवा पूजा करता था झाड़ू पोछा करता था वही रहता था वही सोता था तो मंदिर के पुजारी जी ने सोचा कि यह भगवान कृष्ण बांके बिहारी जी का भक्त है क्यों ना इसे कुछ काम दे दिया जाए जिससे कि उसकी आजीविका भी चल सके तब पुजारी जी ने उस व्यक्ति से बोला कि कुछ काम करोगे तब उस व्यक्ति ने बोला ठाकुर जी के अलावा कोई भी काम नहीं करूंगा तभी पुजारी जी ने बोला कि तुम्हें गाय चराने जाना पड़ेगा जंगलों में सुबह से शाम तक तब उस व्यक्ति ने बोला की गाय किसकी है पुजारी जी ने बोला कि ठाकुर जी की तो वह व्यक्ति उस काम को करने के लिए राजी हो गया वह सुबह से शाम तक जंगलों में गाय चराने जाता और पूरा दिन

बांके बिहारी जी के चमत्कार

जंगल में बैठकर हरे कृष्णा हरे कृष्णा का जाप करता बांके बिहारी का भजन करता कृष्ण मुरारी को याद करता और पुजारी जी जंगल में उसके लिए समय पर खाना भेज देते लेकिन एक दिन उस व्यक्ति को खाना नहीं पहुंचा तो वह सोच में पड़ गया कि आज दोपहर निकल गई लेकिन खाना नहीं आया शायद पुजारी जी खाना भेजना भूल गए ऐसा सोचकर वह फिर से भजन करने लगा तभी पीछे से आवाज आई कि अरे वह ग्वाले भोजन कर ले तो उस व्यक्ति ने पीछे मुड़कर देखा तो वहां कोई भी नहीं था लेकिन एक पेड़ पर मखमली कपड़े में खाना टंगा हुआ था जब उस व्यक्ति ने आसपास देखा तो उसे कोई नहीं दिखा तभी ग्वाले ने उस मखमली कपड़े को खोल कर देखा तो उसमें तरह तरह के पकवान थे ग्वाला समझ गया कि यह बांके बिहारी की कृपा है बांके बिहारी ही स्वयं भोजन देने आए हैं और ग्वाले ने बैठकर प्रेम पूर्वक भोजन किया जब ग्वाला शाम को वापस पहुंचा तभी उसे पुजारी जी मिले और उस ग्वाले ने पुजारी जी से कहा कि आज आप भोजन पहुंचाना ही भूल गए तभी पुजारी जी ने बोला कि आज तो एकादशी है आज भोजन बना ही नहीं है पुजारी जी ने जब ग्वाले के हाथ में वह मखमली कपड़ा देखा तभी पूछा कि तुम्हारे पास यह कपड़ा कैसे आया कॉकरोच भगाने के उपाय – यह घरेलू नुस्खा प्रयोग करेंगे सालों साल घर में कॉकरोच नहीं आएंगे रामबाण उपाय है हजारों लोगों के द्वारा प्रयोग किया हुआ

बांके बिहारी जी धाम वृंदावन

तो उस ग्वाले ने सारा वृतांत पुजारी जी को सुनाया और कहा स्वयं ठाकुर जी मुझे भोजन देकर गए हैं पुजारी जी ने कहा यह तो वही मखमली कपड़ा है जिसमें रोज बांके बिहारी ठाकुर जी को भोजन परोसा जाता है और पुजारी जी इस बात से हैरान रह गए हालांकि वह उस व्यक्ति की भक्ति से परिचित है उसके बाद पुजारी जी ने विचार किया कि मैंने इसे जंगल में भेज दिया और बांके बिहारी जी को इस को भोजन देने जंगल जाना पड़ा क्यों ना इसको मंदिर में ही काम दे दिया जाए उसके बाद पुजारी जी ने उस व्यक्ति से कहा कि तुम आज से गाय चराने नहीं जाओगे तो मंदिर में ही पहरेदारी करोगे आज से तुम्हारा काम पहरेदारी कर रहेगा बांके बिहारी के शयन के पश्चात ना कोई मंदिर में आएगा ना कोई मंदिर से जाएगा यह तुम्हारी जिम्मेदारी रहेगी तो उस व्यक्ति ने कहा जैसी आपकी आज्ञा उसके बाद वह व्यक्ति रात में पहरेदारी करने लगा रात में 12:00 बजे तक बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर जी भक्तों को दर्शन देते हैं उसके बाद उनका शयन हो जाता है जब मंदिर बंद हो गया तो उस व्यक्ति की ड्यूटी शुरू हो गई तभी मंदिर में से बांके बिहारी बाहर निकलते दिखाई दिए तो उसने रोक लिया और कहा आप नहीं जा सकते तो बांके बिहारी ने हैरानी से पूछा मैं नहीं जा सकता आखिर क्यों नहीं जा सकता तो उसने बोला की पुजारी जी का आदेश है ना कोई अंदर जा सकता है ना बाहर आ सकता है तो बांके बिहारी ने कहा कि भाई मेरा समय हो गया है मुझे निधिवन जाना है मैं क्यों नहीं जा सकता लेकिन वह व्यक्ति जिद पर अड़ गया लेकिन बांके बिहारी भी आखिर मनमोहन ठहरे उन्होंने उस व्यक्ति को मोह लिया और कहा एक काम करो तुम भी मेरे साथ निधिवन चलो सुबह समय से पहले मंदिर में आ जाएंगे तो वह व्यक्ति मान गया और वह भी ठाकुर जी के साथ निधिवन चला गया

निधिवन की फोटो

लेकिन और फिर जब सुबह वापसी का टाइम हो गया तो ग्वाला जोर-जोर से आवाजें लगाने लगा तब ठाकुर जी ने बोला भाई क्यों इतनी जोर जोर से आवाज लगा रहे हो मुझे पता है समय हो गया है चलो चलते हैं उसके बाद वह व्यक्ति ठाकुर जी को लेकर बांके बिहारी मंदिर मैं आ गया सुबह मंगला आरती का समय हो गया था और पुजारी जी आरती के लिए मंदिर में प्रवेश करने लगे तभी उस व्यक्ति ने पुजारी जी को रोक लिया और कहा आप अभी नहीं जा सकते पुजारी जी ने कहा तुम्हारा दिमाग ठीक है मैं आखिर क्यों नहीं जा सकता मेरा रास्ता छोड़ो मुझे मंगला आरती करनी है बांके बिहारी की मंगला आरती का समय हो गया है तो उस व्यक्ति ने कहा कि नहीं सरकार अभी शयन कर रहे हैं

बांके बिहारी मंदिर

अभी आप बांके बिहारी को नहीं उठा सकते तो पुजारी जी ने हैरानी से पूछा अभी शयन कर रहे हैं का मतलब तो उस व्यक्ति ने सारी बात पुजारी जी को बताइ और बताया कि बांके बिहारी जी 12:00 बजे तक भक्तों को दर्शन देते हैं उसके बाद वह निधिवन में विश्राम करते हैं वहां रास रचाते हैं और वहां थक जाते हैं वह इसलिए आप अभी उनको परेशान ना करें तब से लेकर आज तक बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती की प्रथा बंद कर दी गई इसलिए बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती नहीं की जाती क्योंकि बांके बिहारी उस समय शयन कर रहे होते हैं केवल जन्माष्टमी को बांके बिहारी मंदिर में मंगला आरती की जाती है अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया और लोगों के साथ भी शेयर करें आपके साथ यह खबर साझा की बुंदेली मीडिया डॉट कॉम ने

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