भारत एवं एशिया का रेलवे का एक मात्र लिफ्टिंग रेल पुल पाम्बन रेल पुल हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में बंद

भारत एवं एशिया का रेलवे का एक मात्र लिफ्टिंग रेल पुल पाम्बन रेल पुल हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में बंद।
रामेश्वरम स्थित पाम्बन रेल पुल को बंद हुए 4 माह हो गए। अभी केवल मंडपम तक ट्रेन आ जा रही है। मैं रेलवे से जुड़े सभी विषयों पर लिखा हूँ और लगभग हर जगह घूमा हूँ तो पाम्बन रेल पुल कैसे वंचित रह जाता। इस पुल पर एक दर्जन लेख लिखा होगा मैंने और एक बार इस पुल पर गया भी हूँ। बड़ा आश्चर्यजनक लगा था यह पुल। सब कुछ अजीबोगरीब था। रेल लाइन के जुड़ने से लेकर ब्रिज खुलने और बंद होने तक का सभी कुछ बहुत नजदीक से देखा समझा था। अंग्रेजों ने जिस हिसाब से इस पुल को बनवाया था। वह अपने आप में आश्चर्यजनक था। इस रेल पुल का इतिहास की जब भी चर्चा होगी तब मेट्रो मैन श्री धरन सर को जरूर इससे जोड़ा जाएगा। यह पुल तेज समुद्री तूफान में जब बह गया था। तब जिस हिसाब से श्री धरन सर ने रेस्टोरेशन कराया था वह अपने आप में आश्चर्य जनक था। फाइनली लगभग 110 साल पुराने पुल को अब हेरिटेज के रूप में रखा जाएगा या फिर स्क्रेप में बेंचा जाएगा। अनुमान लगाना कठिन नहीं है। फाइनली नए पुल के निर्माण तक गाड़ियां मंडपम तक जा ही रही हैं। उस रेल सिग्नल की हालत पता नहीं क्या है जो समुद्री हवा के स्पीड से जुड़ी थी। जैसे ही तेज समुद्री हवा चलने लगती थी यह सिग्नल रेड हो जाता था। भले ही रेल गाड़ी आ रही हो। खैर जो भी हो, इसके साथ ही इस गौरव शाली रेल पुल के इतिहास का अंत हो ही गया है।
इस पुल से रेलगाड़ी की शुरुआत और अंत-
शुरुआत 24 फरवरी 1914 और अंत 23 दिसम्बर 2022, नए पुल की संभावित शुरुआत जुलाई 2023
खैर सीमेंट से बन रहे नए रेल पुल में ब्रिज का लीफ, डबल लीफ की बजाय सिंगल लीफ या पीस में है। जो शिप आने पर दोनों तरफ खुलने की बजाय वर्टीकल में उठ जाएगा।
प्रस्तुति और फ़ोटो-विमलेश चंद्र
फ़ोटो विवरण-पाम्बन रेल पुल के लिफ्टिंग भाग (लीफ बैस्कुल) में खड़ा यह बंदा।